हम बड़े ही क्यूं हुए?

हम बड़े ही क्यूं हुए?
वो बचपन का संसार,जहां करते थे नादानियां आपार,
आज जब हुए बड़े तो दिल ने पूछा ये सवाल,
हम बड़े ही क्यूं हुए?

वो घर वाला संसार ,वो मां के आंचल का प्यार ,
वो पिता का दुलार,पर फिर दिल ने पूछा ये सवाल,
हम बड़े ही क्यूं हुए?

वो अपनों से तकरार, नन्हे दोस्तों से कि गई मार,
फिर रूठने मनाने का इंतजार,आज जब हम हुए बड़े तो दिल ने पूछा ये सवाल ,
हम बड़े ही क्यूं हुए?

वो स्कूल जाने के नखरे, वो पिता का डरावना फटकार,
आज सोचकर लगता है ,वो प्यार था आपर,मगर फिर दिल ने पूछा ये सवाल,
हम बड़े ही क्यूं हुए?

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