अग्रसर प्राणी ।
आज कल जीवन में प्रोत्साहित करने वाले कम और निराश करने वाले ज्यादा लोग मिलेंगे । ऐसे व्यक्तित्व पर तंज कसते हुए उनको राह की तुच्छ रुकावट मानते हुए कुछ पंक्तियां लिखता हूँ ।
पंक्तियां हैं: -
तू हार है , मैं जीत हूँ ,
तू धूप है , मैं छाँव हूँ ,
यदि है चट्टान तु , तो मैं भी बहता पानी हूँ ,
हिम्मत है तो रोक लो अग्रसर मैं प्राणी हूँ।
मंजिल चाहे कठिन हो , रास्ते भी रोक लो ,
अपने निर्मित रास्ते से मंजिल भी पा जाऊँगा ,
निर्माण करुँगा सरल रास्ता , ऐसा मैं निर्माता हूँ ၊
यदि है चट्टान तु , तो मैं भी बहता पानी हूँ ,
हिम्मत है तो रोक लो अग्रसर मैं प्राणी हूँ।
तू तलवार है , मैं ढाल हूँ ,
तू समस्या है , मैं समाधान हूँ ,
जितना भी तुम रोक लो , चाहे जान भी तुम झोंक दो ,
मैं अथक का पर्याय हूँ ၊
यदि है चट्टान तु , तो मैं भी बहता पानी हूँ ,
हिम्मत है तो रोक लो अग्रसर मैं प्राणी हूँ।
बिछा दो काँटे मेरे राहों में,
चाहे ज्वाले से पथ भर दो तुम ,
नग्न पॉव पथ तय कर लूंगा ,
मैं शीतलता का परिभाषा हूँ ၊
यदि है चट्टान तु , तो मैं भी बहता पानी हूँ ,
हिम्मत है तो रोक लो अग्रसर मैं प्राणी हूँ।
धन्यवाद ।
पंक्तियां हैं: -
तू हार है , मैं जीत हूँ ,
तू धूप है , मैं छाँव हूँ ,
यदि है चट्टान तु , तो मैं भी बहता पानी हूँ ,
हिम्मत है तो रोक लो अग्रसर मैं प्राणी हूँ।
मंजिल चाहे कठिन हो , रास्ते भी रोक लो ,
अपने निर्मित रास्ते से मंजिल भी पा जाऊँगा ,
निर्माण करुँगा सरल रास्ता , ऐसा मैं निर्माता हूँ ၊
यदि है चट्टान तु , तो मैं भी बहता पानी हूँ ,
हिम्मत है तो रोक लो अग्रसर मैं प्राणी हूँ।
तू तलवार है , मैं ढाल हूँ ,
तू समस्या है , मैं समाधान हूँ ,
जितना भी तुम रोक लो , चाहे जान भी तुम झोंक दो ,
मैं अथक का पर्याय हूँ ၊
यदि है चट्टान तु , तो मैं भी बहता पानी हूँ ,
हिम्मत है तो रोक लो अग्रसर मैं प्राणी हूँ।
बिछा दो काँटे मेरे राहों में,
चाहे ज्वाले से पथ भर दो तुम ,
नग्न पॉव पथ तय कर लूंगा ,
मैं शीतलता का परिभाषा हूँ ၊
यदि है चट्टान तु , तो मैं भी बहता पानी हूँ ,
हिम्मत है तो रोक लो अग्रसर मैं प्राणी हूँ।
धन्यवाद ।
Good l like
ReplyDelete👌👌👌
ReplyDeleteThanks
DeleteGreat......love it
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