ऐ बिहार।

हिम्मत तो नहीं होती, कि कुछ लिख पाऊं उन माताओं के लिए जिन्होंने अपने लाल खोए हो, लेकिन मन के ठंढक के लिए कपकपाती हाथों से लिखे कुछ पंक्तियाँ साझा करना चाहूँगा , 
पंक्तियाँ है :-

ऐ बिहार सुन जरा उस माँ की पुकार,
लूट गए जिनके घर संसार,
ऐ बिहार सुन जरा सुन उस माँ की पुकार ।

मोहल्ले में जब मचा था मौत का शोर ,
पूँछ रहे थे वो मैच स्कोर,
अरे कुछ तो शर्म करो मेरे यार ၊
जरा पूँछो उनसे , लूट गए जिनके घर संसार ၊

153 गोदें सूनी हुई , 
घर का चिराग बुझा ,
अरे अब तो कुछ करो सरकार ၊
ज़रा पूँछो उनसे , लूट गए जिनके घर संसार ၊

अरे कब तक पुरातन सीढ़ियाँ चढ़ अपने को ऊँचा बतलाओगे,
अरे अब तो कुछ बदल दो सरकार ၊
जरा पूँछो उनसे , लूट गए जिनके घर संसार ၊

जवाना बदल रहा है मेरे यार ,
बनाओ अपना एक नया बिहार , 
जहाँ हो जीवन सुखमय , 
और न हो उन माँ जैसा कोई लाचार ၊

अरे अब तो बदल जाओ बिहार , 
अब तो बदल जाओ बिहार ၊
ज़रा पूँछो उनसे , लूट गए जिनके घर संसार ၊

ऐ बिहार सुन ज़रा उन माँ की पुकार.....
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